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Medical doctors and clinical psychologists of "Prevention Project Dunkelfeld" (https://www.dont-offend.org/) answer "Frequently Asked Questions".

बाल कामुकता (पीडोफीलिया) क्या है? (हेबेफीलिया) क्या है?

बाल कामुकता (पीडोफीलिया) का अर्थ है, युवावस्था प्राप्त करने से पूर्व आयु के नाबालिगों के प्रति लैंगिक आकर्षण का अनुभव करना; जिन्होंने शारीरिक विकास के संबंध में यौवनावस्था प्राप्त नहीं की है (आम तौर पर 10/11 वर्ष की आयु के पहेली की उम्र)| यानेकी जिनके शरीरपर लैंगिक विकास के कोई संकेत नहीं दिखाई देते| इस प्रकार बाल कामुकता (पीडोफीलिया) को यौवनावस्था से पूर्व के बच्चों के प्रति यौन रूप से तीव्र और निरन्तर बनी रहने वाली यौन रूचि के रूप में परिभाषित किया जाता है|

हेबेफिलियासे पीड़ित व्यक्ती प्रारम्भिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के ओर लैंगिक आकर्षण रखते है| ऐसी प्रारंभिक किशोरावस्थामे शारीरिक संकेत दिखाई देते है जैसेकि जंघोमे तथा गुप्तांगोपर बाल बढ़ने लगना या लड्कियोंमे स्तनोंका आकार बढना इत्यादि| निचे दिए गए सुचिसे आत्म निरिक्षण और आत्म परीक्षण करके आगे चलके सामनेआनेवाले पिडोफिलिया या हेबेफिलिया के बारेमे जानकारी मिल सकती है|

  • प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति या ऐसी किशोरावस्था प्राप्त होनेके पूर्व आयुके नाबालिग व्यक्तियोंका निरिक्षण करते समय या इनके साथ प्रत्यक्ष अनुभव करनेसे यौनरूपसे उत्तेजित होना
  • प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति या ऐसी किशोरावस्था प्राप्त होनेके पूर्व आयुके नाबालिग व्यक्तियोंकी कल्पनाओंके कारन यौनरूपसे उत्तेजित होना|
  • बाल लैंगिक शोषण के छवियों (तथाकथित बाल अश्लील साहित्य) को देखना|
  • बच्चोंके साथ या उनके प्रत्यक्षदर्शी लैंगिक वर्तन करना

ये ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने स्वभाव के परिणाम स्वरूप बहुत अधिक पीड़ा उठाते हैं, जिसकी वजह से चिकित्सालीय रूप से महत्वपूर्ण तनाव पैदा होता है| यौवनावस्था से पूर्व की आयु वाले बच्चों या प्रारंभिक यौवनावस्था वाले बच्चों में यौन रूचि का आवश्यक रूप से अर्थ यह नहीं है कि ऐसे लोग यौन उत्पीड़न करते हैं या स्वचलित रूप से इंटरनेट पर बाल यौन शोषण छवियों (तथाकथित बाल अश्लील साहित्य) को देखते हैं| इसीलिए बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) अभिव्यक्तियों को बाल यौन उत्पीड़नबाल लैंगिक अत्याचार से स्पष्ट रूप से भेद करना आवश्यक है| दांडिक कानून के अंतर्गत, "बाल यौन शोषण" वाक्यांश का अर्थ विशिष्ट रूप से ऐसे यौन कार्यों से हैं जो बच्चों के साथ/ या जिनमें बच्चे शामिल होते हैं, जबकि बाल कामुकता और प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) उस कामोत्तेजना या उत्तेजना का वर्णन करते हैं जो यौवनावस्था पूर्व या प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के संबंध में होती है|

 

इसका निदान कैसे किया जाता है?

बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) का निदान विस्तृत चिकित्सालीय साक्षात्कार के बाद किया जा सकता है जिसमें यौन अनुभव तथा व्यवहार के संबंध में अनेक जानकारियों को
एकत्र की जाती हैं| इस प्रक्रिया में एकत्रित की गई जानकारी का अनुपूरण, उदाहरण के लिए अतिरिक्त प्रश्नावलियों तथा जांच प्रक्रियाओं के साथ किया जा सकता है|

लेकिन, ट्रबल्ड डियाज़र परप्रश्नावलियां और परीक्षण केवल पूरक निदान प्रक्रियाएं हैं और नैदानिक ​​मूल्यांकन नहीं है।

पिडोफिलिया का निदान करनेके लिए आंतरराष्ट्रीय स्तरपर कुछ निर्देश जरी किए गए है| जिसमे निदानात्मक निकषोंकी स्पष्टरूपसे मार्गदर्शक परिभाषाए दी गयी है| इसमें सबसे महेत्वपूर्ण बात यह है की बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) का निदान करने के लिए उनके शरीरके बही रूपके प्रति यौन आकर्षण का अनुभव करना|

बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) का निदान करने के लिए कौन योग्यता धारण करता है?

नैदानिक जांच पड़ताल का कार्य उन विशेषज्ञों का है जिन्होंने दवाओं या मनोविज्ञान में सफलतापूर्वक अध्ययन पाठ्यक्रम को पूरा किया है| यौन विज्ञान के विभिन्न व्यावसायिक संघों के दृष्टिकोण से, यौन चिकित्सा में उन्नत क्षमताएँ होना आवश्यक है, क्योंकि मूल्यांकन या यौन विकारों के उपचार अभी तक मानक विश्वविद्यालय शिक्षा और चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं हैं।

बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) के कारण क्या हैं?

यौन विशेषज्ञों द्वारा बच्चों और प्रारंभिक किशोरावस्था आयु के बच्चों के प्रति यौन उत्तेजना की प्रवृत्ति को स्पष्ट करने के लिए अनेक कारकों (अर्थात मस्तिष्क का विकास; हार्मोनल तथा न्यूरोट्रांसमीटर संबंधी विकास; प्रारंभिक बालावस्था सम्बद्धता और रिश्तों से संबंधित अनुभव; बाल यौन शोषण का व्यक्तिगत इतिहास) पर चर्चा की जा रही है| समग्र रूप से, अभी भी बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) संबंधी यौन पसंद के विकास और प्रगति के संबंध में कोई स्पष्ट चित्र/ जानकारी उपलब्ध नहीं है; इसलिए, और अधिक शोध की आवश्यकता है और यह जारी भी है|

कितने लोगों में बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) इच्छाएं हैं? उनमें से कितनी महिलाएं हैं?

सर्वेक्षणों में, जर्मनी में 3 और 6 प्रतिशत के बीच में पुरूष भागीदारों, तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 3 और 9 प्रतिशत पुरूष भागीदारों द्वारा यह दर्शाया गया कि यौवनावस्था से पूर्व आयु के बच्चों के बारे में उनकी यौन कल्पनाओं या उनके संपर्क थे| लेकिन इस संबंध में कोई विश्वसनीय डाटा नहीं है कि कुल जनसंख्या में कितने लोग बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) यौन पसंद वाले हैं, क्योंकि इस विषय पर कोई बड़े पैमाने पर विज्ञान अध्ययन नहीं किए गए हैं| और आगे वैज्ञानिक छानबीन जारी है|

संशोधन ये निर्देशित करता है की जर्मनीके पुरुष जन संख्यामे करीब एक प्रतिशत पुरुष यानेकी 250|000 se 300|000 पुरुष इससे प्रभावित हो सकते है|

ज्ञान की वर्तमान स्थिति के अनुसार, बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) वाले समस्त व्यक्तियों में अधिकांश पुरूष हैं| बर्लिन में परियोजना के संदर्भ में, बहुत कम महिलाएं सामने आईं तथा बाल कामुकता (पीडोफीलिया) के संबंध में बहुत कम महिलाओं का निदान किया जा सका|

बाल कामुकता (पीडोफीलिया) के निदान के लिए पूरे किए जाने वाले मानंदडों को अंतर्राष्ट्रीय रूप से मान्यता प्राप्त नैदानिक दिशा निर्देशों द्वारा तय किया जाता है| यहां, सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानदंड, नाबालिगों शरीरके प्रति या यौवनावस्था या प्रारंभिक यौवनावस्थाके शारीरिक संरचना से संबंधित कामोत्तेजना का अनुभव यहीं है|

क्या ऐसे सभी लोग जो बाल शोषण अपराध करते हैं, वे या तो बाल कामुक (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुक (हेबेफीलिया) होते हैं?

नहीं| ऐसे लोग जो बच्चों और /या प्रारंभिक किशोरावस्था की आयु वाले बच्चों के प्रति यौन रूप से आकर्षित होते हैं और बाल यौन शोषण करते हैं तथा ऐसे लोग जो मूलत: वयस्कों के प्रति आकर्षित होते हैं लकिन बच्चों के प्रति लैंगिक अपराध करते हैं, के बीच में स्पष्ट रूप से अंतर करना आवश्यक है| बाद की श्रेणी में आने वाले लोग अक्सर अन्य कठिनाइयों जैसे सर्रोगेट एक्शन, या मानसिक रोगों के कारण अपराध करते हैं|

क्या सभी बाल कामुक (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुक (हेबेफीलिया) यौन उत्पीड़न अपराध करते हैं?

नहीं, सुनिश्चित/बिल्कुल रूप से नहीं|

क्या बाल अश्लील साहित्य के प्रयोग से बाल यौन उत्पीड़न करने की इच्छा और भी अधिक बढ़ती है?

शोध की वर्तमान स्थिति के अनुसार, सुनिश्चित रूप से यह निष्कर्ष निकालना असंभव है कि किस स्तर तक बाल यौन उत्पीड़न छवियों के इस्तेमाल से किसी बच्चे और/या प्रारंभिक किशोरावस्था की आयु के बच्चे के साथ व्यवहारिक रूप से यौन संबंध का अनुभव प्राप्त करने की इच्छा बढ़ती है| लेकिन, यह मानते हुए कि अपने आप में इस्तेमाल ही एक दंडनीय अपराध है और यह बाल यौन उत्पीड़न के गंभीर स्वरूप का परिचायक है, इसलिए चिकित्सकीय /थेरॅप्यु‌टिक प्रयासों में बाल यौन उत्पीड़न छवियों के इस्तेमाल से बचना एक और लक्ष्य है|

जर्मन वाक्याशों, “ हैल्लफेल्ड” और “डंकेलफेल्ड” का क्या अर्थ है? 

कानूनी प्रणाली के माध्यम से पंजीकृत किए गए अपराधों को “लाइट फील्ड” (जर्मन में: हेल्लफेल्ड) के रूप मे वर्णित किया जाता है| बच्चों के साथ किए गए अधिकांश यौन अपराधों की सूचना प्राधिकारियों तक नहीं पहुँचती है, और परिणाम स्वरूप ये अपराध संबंधी आंकड़ों में दिखाई नहीं देते हैं| अपराध विज्ञान में, इन कार्यों को “डार्क फील्ड” (जर्मन में: डंकेलफील्ड) में घटित होने वाला माना जाता है| इस वाक्यांश को किसी ऐसे कार्य के रूप में स्पष्ट किया जा सकता है कि जो अदृश्य रूप से जारी है तथा इसी दौरान इसे पेशेवरों के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में बाल यौन उत्पीड़न की प्राथमिक रोकथाम के ब्रांड के रूप में स्थापित किया गया है|

क्या चिकित्सा विधान / थेरेपी अपराधियों की संरक्षा का तरीका नहीं है?

बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारम्भिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) रखने वाले व्यक्ति, जो अपनी समस्या को जानते हैं और सहायता का अनुरोध करते हैं; थेरेपी का लक्ष्य बच्चों और /या प्रारंभिक किशोरावस्था वाले बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों की रोकथाम करना और बाल यौन उत्पीड़न छवियों का उपयोग करने से रोकथाम करना है| इस प्रकार से थेरेपी द्वारा निवारक नेटवर्क “KeinTäterWerden” (अर्थ: अपराध न करें)” कार्यक्रम द्वारा बच्चों के पीड़ित बनने से पहले ही बच्चों और प्रारम्भिक किशोरावस्था वाले बच्चों की संरक्षा में सक्रिय रूप से योगदान दिया जाता है, और इस प्रकार, पुनरावृति शोषण की रोकथाम की जाती है तथा उनकी जारी आघात स्थिति का प्रतिकार किया जाता है| ट्रबल्ड डिज़ायर एक ऑनलाइन टूल है जो थेरेपी को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है, लेकिन बच्चों के प्रति यौन रूप से आकर्षण रखने वाले लोगों को निम्न स्तर स्व-उपचार कार्य प्रणाली प्रदान करता है|

थेरेपी किस प्रकार से काम करती है?

आमतौर पर थेरेपी में मनोवैज्ञानिक, यौन संबंधी और औषधीय कार्य प्रणालियों का संयोजन किया जाता है|
प्रवेश के थेराप्यूटिक बिंदुओं को जीवन के आयामों की ओर उन्मुख किया जाता है, जिनकी शोध द्वारा (और अधिक) यौन अपराधों की रोकथाम के लिए निर्णायक के रूप में पहचान की गई है:

  • स्वयं अपने व्यवहार को स्थाई रूप से नियंत्रित करने की समर्थता संबंधी अभिप्रेरण का सशक्तीकरण |
  • संसाधनों का सशक्तीकरण |
  •   बाल यौन शोषण से जुड़े जोखिमपूर्ण वर्तन तथा और बाल यौन उत्पीड़न छवियों का उपयोग करने से रोकथाम करना जैसेकि व्यक्तिको आत्म प्रबंधन सिखाना, या बाल यौन उत्पीड़न छवियों का उपयोग करनेसे पहलेही इस के प्रति खुदके मनमे नकारात्मक भावना प्रेरित करना |
  • अपने स्वयं के कार्यों का उत्तरदायित्व स्वीकार करना |
  • लैंगिक भावानाओंपर काबू पानेके लिए तथा भावनाओंका उचित व्यवस्थापन पानेके लिए कुछ मेडिसिन लेनेके पर्याय के बारेमे सोंचना |
  • आत्मस्वाभिमान/स्वप्रतिमा की समस्याओं के संबंध में कार्य करना |
  •   भावनाओं और समस्याओं का सफलतापूर्वक समाधान करने के द्वारा यौन आवेगों को नियंत्रित करने की योग्यता हासिल करना |
  • जोखिमपूर्ण स्थितियों की पहचान और प्रबंधन |
  • बिना यौन अपराधों के जीवन में अपेक्षित सामाजिक और संज्ञानात्मक क्षमताओं का विकास |
  • रिश्तों से संबंधित कौशल आदि में सुधार (अर्थात सामाजिक नेटवर्क स्थापित करना या स्थिर करना; आत्मीयता की क्षमता का सशक्तीकरण)
  • भविष्य की दूरदृष्टि और संभावनाओं का विकास |
  • इत्यादि |

“ट्रबल्ड डिज़ायर” की ऑनलाइन कार्य प्रणाली बर्लिन में रोकथाम परियोजना डंकेलफेल्ड में उपचार के 10 वर्षों से अधिक समय के दौरान प्राप्त किए गए अनुभव पर आधारित है तथा नाबालिगों के प्रति यौन आकर्षण के स्व प्रबंधन के लिए आधारभूत सहायता उपलब्ध कराती है|

चिकित्सा/थेरेपी सफल होने के लिए क्या आवश्यकताएं हैं?

सफल थेरेपी मुख्य रूप से तब प्राप्त होती है जब चिकित्सक और प्रतिभागी दोनों ही थेरेपी के दौरान अपने निर्धारित कार्यों को पूरा करते हैं।

प्रतिभागियों की ओर से, खुलेपन, नियमित भागीदारी, और निर्णय लेने की जिम्मेदारी चिकित्सा के लक्ष्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। प्रेरणा इस विचार से प्राप्त की जाती है कि किसी को बच्चों के प्रति कोई यौन अपराध नहीं करना चाहिए और बाल यौन शोषण छवियों का उपयोग करने से बचना चाहिए।

चिकित्सक की ओर से, चिकित्सीय लक्ष्य तक पहुंचने के लिए चिकित्सक की अपनी योग्यता और नियमित पर्यवेक्षण द्वारा पूरा किया जाता है।

क्या बाल कामुकता (पीडोफीलिया) तथा प्रारंभिक किशोरावस्था प्राप्त करने वाले नाबालिगों के प्रति यौन कामुकता (हेबेफीलिया) रखने वाले व्यक्ति बाल यौन उत्पीड़न छवियों के इस्तेमाल को विकल्प मानते हैं?

बाल यौन शोषण छवियां (तथाकथित अश्लील साहित्य- चाइल्ड पोर्नोग्राफी), बच्चों के साथ बिना प्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क के यौन आवश्यकताओं को संतुष्ट करने का अवसर प्रदान करती हैं| लेकिन, बाल यौन शोषण छवियां दर्शाए गए व्यक्तियोंने किये हुए कुछ बच्चोंके यौन शोषण करनेके बाद ही बनाती है इसके प्रति अक्सर कोई जागरूकता नहीं होती है| इस तथ्य से परिचित कुछ लोग जो बाल यौन शोषण छवियों के इस्तेमाल करते है वो अपने व्यवहार को खराब मानते हैं|

क्या लाभार्थी द्वारा यौन शोषण का कार्य किए जाने की स्थिति में भी उसकी गोपनीयता को बनाए  रखा जाएगा?

थेरेपिस्ट, जिन्हें थेरेपी के दौरान बाल यौन शोषण से संबंधित वर्तमान तथा पिछले मामले बताए जाते हैं, वे पेशेवर गोपनीयता से बंधे हैं| जर्मनी में कोई अनिवार्य रिपोर्टिंग कानून नहीं है| गोपनीयता का उल्लंघन कानूनी अपराध है| रोगी की गोपनीयता, परियोजना की निवारक कार्यप्रणाली का आधार है| इस प्रकार से थेराप्यूटिक प्रस्ताव को ऐसे व्यक्तियों को भी उपलब्ध कराया जा सकता है जो बच्चों के प्रति उनके यौन आकर्षण के लिए सहायता का अनुरोध कर रहे हैं, और जिनकी जानकारी प्राधिकारियों को भी नहीं है, ताकि और अधिक (आगे) अपराधों की रोकथाम की जा सके|

दूसरे देशों में, अनिवार्य रिपोर्टिंग कानून मौजूद हैं| यहां तक कि विगत में किए गए अपराधों को प्राधिकारियों को सूचित किया जा सकता है या किया जाना चाहिए| ये लोग, जो पहले से ही अपराध कर चुके हैं, वे थेरेपी में शामिल नहीं हो सकते हैं| इसलिए, निवारक दृष्टिकोण से, जर्मनी में कानूनी स्थिति (कोई अनिवार्य रिपोर्टिंग कानून नहीं है) बहुत अधिक लाभदायक है|

स्वयं या दूसरों के लिए गंभीर खतरे के मामलों में, खतरे में व्यक्ति या व्यक्तियों का कल्याण पहले रखा जाता है। ऐसे मामलों में, चिकित्सक और प्रतिभागी तीव्र खतरे को रोकने के लिए एक साथ काम करते हैं।